महामृत्युञ्जय अनुष्ठान
|| ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् ||
संसार के आदिगुरु भगवान देवाधिदेव महादेव की पुण्य नगरी अवन्तिका में मृत्युञ्जय महादेव की आराधना का विशेष महत्त्व है, इसी तारतम्य में वैदिक विधि से भगवान आशुतोष की कृपाप्राप्ति व अकालमृत्यु निवृत्ति हेतु महामृत्युञ्जय अनुष्ठान किया जाता है। साथ ही साथ भगवान आशुतोष के आशीर्वाद के लिए ग्रहगोचर से उत्पन्न कालसर्प व अन्य ग्रह जनित पीढ़ा निवृत्ति उज्जैन की पावन धरा पर पूर्णतया वैदिक रीति व शुभ मुहूर्त व लग्न शुद्धि के आधार पर किया जाना अनिवार्य होता है, तभी पूर्णतया लाभकारी होता है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमारे माध्यम से इस विधि को शास्त्रीय पद्धति से सम्पन्न किया जाता है।